गौमाता: भारतीय संस्कृति का हृदय, जीवन का आधार और आध्यात्मिक चेतनाभारतीय संस्कृति में गाय को केवल एक पालतू पशु के रूप में ही नहीं देखा जाता, बल्कि उसे तो माता के समान पूजनीय और आदरणीय स्थान दिया गया है। वह केवल एक दूध देने वाला प्राणी नहीं है, बल्कि करुणा, ममता, वात्सल्य और नि:स्वार्थ सेवा का एक जीवंत और मूर्तिमान प्रतीक है। गाय हमें अमृत समान दूध प्रदान करती है, जो बच्चों से लेकर वृद्धों तक सभी के लिए पौष्टिक आहार है। इस दूध से बनने वाला दही और घी न केवल स्वादिष्ट ही हैं, बल्कि वे हमारे स्वास्थ्य के