लेखक की टिप्पणी (Author's Note):यह कोई कहानी नहीं है। ना ही यह किसी कल्पना, फैंटेसी, रोमांस, सस्पेंस या थ्रिलर से भरी रचना है। यह जीवन का गहरा, निर्विवाद और कटु सत्य है, जिसे हम सब जीते हैं, पर अक्सर समझने से कतराते हैं।यह लेख उन शाश्वत दुखों की ओर हमारा ध्यान खींचता है, जो हर मानव को भोगने ही पड़ते हैं, जन्म, मृत्यु, बुढ़ापा और व्याधि।यह कोई मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मचिंतन का विषय है इसे केवल मन से नहीं, आत्मा की गहराई से पढ़ें।क्या पता —इन शब्दों में कोई ऐसा वाक्य, कोई ऐसा विचार, या हरिनाम का स्मरण आपके जीवन की