उजाले की ओर –संस्मरण

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=========== नमस्कार स्नेही मित्रों  आज इस विषय पर थोड़ी बात करते हैं    वर्तमान समय में सनातन धर्म एवं संस्कृति की प्रासंगिकता ======================================== सामान्य अर्थ में धर्म को कर्त्तव्य भी कहा जा सकता है लेकिन धर्म की परिभाषा इससे विस्तृत होती है। धर्म एक मनुष्य तथा समाज के लिए सत्य और सही आदर्श नियमावली, कर्त्तव्य को निर्धारित करता है। कोई भी धर्म उसके अनुयायियों के लिए सही तरीके से जीवन जीने तथा उचित मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। धर्म का सम्बन्ध उसके निश्चित नियम, रीति -रिवाज, प्रथाएँ तथा आस्था से होता है। एक मनुष्य का धर्म अलग