काली किताब - भाग 2

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भाग 1: धूल में दबी खामोशीदिल्ली — दिसंबर की ठंडी रात। घड़ी की सुई 2:45 पर ठिठकी थी। चारों ओर कुहासा पसरा हुआ था, जैसे किसी ने ज़माने भर की सच्चाइयों को चुप्पी की चादर ओढ़ा दी हो। इंडिया गेट से कुछ किलोमीटर दूर, RAW का गुप्त मुख्यालय "अदृश्य" इस रात भी जाग रहा था।वहीं एक अंधेरी स्क्रीन पर चमकता एक नाम था —“ATHARVA – 0369”एजेंट अथर्व। उम्र 34। प्रशिक्षित स्नाइपर, क्रिप्टोलॉजिस्ट और अनकहे रहस्यों के पीछे भागने वाला अकेला भेड़िया। एक मिशन जिसने न जाने कितनों की नींदें उड़ा दी थीं, अब उसकी ज़िम्मेदारी बनने वाला था।कमरे में सीनियर