यक्ष का उत्पातश्रावस्ती नगर के अड़विक गाँव में एक बड़ा दुर्दात यक्ष रहता था, श्रावस्ती एक पीपल वृक्ष के ऊपर जिसका वास था। वह नित्य एक प्राणी की जान लेता था। लोग उसके भय से क्रमवार व्यक्ति को उसके पास भेजते थे। प्रभु गौतम जनता के हित में उस दुष्ट से पीछा छुड़ाने के लिए एक बार उस गाँव में गए। लोगों ने उनको यक्ष के बारे में विस्तार से बताया। प्रभु ऐसा सुन वहाँ पर गए जहाँ उसका वास था। तथागत ने उसी पीपल वृक्ष के नीचे अपना आसन लगा लिया और बैठ गए।