बाजार ----19 वी किश्त ----- तुम किसे को ठुकरा दोगे, तो कया नतीजा निकलेगा... जिंदगी कभी रूकती नहीं हैं। खार लग जाने से तुम रुकते नहीं हो, दर्द और आत्मिक कसक के कारण तुम उसे निकाल फेकते हो। ज़हर नाग के अंदर नहीं आदमी के अंदर भी बनता हैं, तभी तो वो मारने पर उतारू हो जाता हैं। सोचो ज़िन्दगी मे सब भले लोग ही रहे तो जीवन मे बुराई का पता ही नहीं चलेगा। कौन भला हैं कौन बुरा हैं। जिंदगी के दो पहलू हैं बरखुरदार, एक दुःख, एक सुख। तुम दिमाग़ से किसे चुनते हो तुम पर लागु हैं.... रानी