बेटा

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प्रस्तावनाभाई-भाई का रिश्ता बहुत ही पवित्र होता है।वो रिश्ता, जिसमें बचपन के दिन साथ हँसते-खेलते, लड़ते-मनाते और एक-दूसरे की परछाईं बनकर बीतते हैं।कुल्लू और कुलिया भी ऐसे ही दो सगे भाई थे, जो बचपन में एक-दूसरे के बिना अधूरे थे।जब कुल्लू गिरता, तो कुलिया दौड़कर उठाता।जब कुलिया रोता, तो कुल्लू उसे हँसाने के लिए आसमान के तारे तोड़ लाने की बात करता।गर्मियों की छुट्टियों में दोनों भाई खेतों की मेंड़ों पर दौड़ लगाते, नहर में नहाते, और बाग में आम तोड़कर बाँट-बाँटकर खाते।उनकी माँ अक्सर कहतीं—"इन दोनों में भगवान ने एक ही दिल बाँट दिया है।"बाबूजी भी गर्व से कहते—"मेरी