मृत्यु ही अटल सत्यएक दिन पुनः राजकुमार सिद्धार्थ को नगर-भ्रमण की इच्छा हुई। राजकुमार के आदेश पर छंदक ने रथ तैयार किया और सिद्धार्थ को लेकर नगर-भ्रमण को चल पड़ा। बहुत सावधानी के बाद भी मार्ग में एक करुणाजनक दृश्य दिखाई पड़ ही गया। वह व्यक्ति रोग की अधिकता के कारण निर्बल हो गया था। वह काँपता-कराहता एक ओर को चल रहा था। उसे कराहते देख सिद्धार्थ ने पूछा, "इस व्यक्ति को क्या कष्ट है? यह कराह क्यों रहा है?" "राजकुमार! यह व्यक्ति कभी बहुत शक्तिशाली था, किंतु रोग ने इसे निर्वल बना दिया है