महाराज, प्रजा में काफी विक्षोभ एवं असंतोष पैदा हो गया है।'नगरश्रेष्ठि प्रियमित्र ने महाजन की ओर से बात का प्रारंभ किया। 'क्यों? असंतोष और विक्षोभ पैदा होने का कारण क्या है?' महाराज पूर्णचन्द्र ने शांति से पूछा। 'महाराज ! राजकुमार गुणसेन पिछले कुछ अरसे से पुरोहितपुल अग्निशर्मा का क्रूर उत्पीड़न कर रहे हैं। उस बच्चे का शरीर बेडौल है, बदसूरत है!''बच्चे ऐसे लड़के को देखें तो उनका हँसना, चिढ़ाना... मजाक करना... यह स्वाभाविक है, पर इसलिए नगर के महाजन को यहाँ मेरे पास शिकायत लेकर आना पड़े, यह समझ में नहीं आता!' महाराज पूर्णचन्द्र ने गंभीर होकर कहा। 'महाराज, बात इतनी होती तो