वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 19

  • 207

अब आगे.......रांगा इशिता को लेकर अपने कबीले में पहुंचता है,, इशिता को देखकर सबको अजीब लगता है कि उनके कबीले में उनके सरदार ये किस बाहरी को ले आए लेकिन रांगा के डर की वजह से कोई कुछ नही बोला , रांगा इशिता को लेकर उपचार वाले कमरे में पहुंचता है... इशिता को वही लेटाकर अपने डॉक्टर को बुलाता है... " सुभार ..! वैद्य जी को बोल सरदार ने जल्दी आने के लिये कहा है.... " सुभार वहाँ से चला जाता है और रांगा इशिता के पास हीं था,.....इशिता बेहोश थी लेकिन रांगा ने उसे छुया तक नहीं, वो खुद