मैं जयवीर सिंह विष्ट, उत्तराखंड के चमोली का रहने वाला हूं। पिछले महीने की 3 अक्टूबर को 56 साल बाद जिस पूर्व सैनिक नारायण सिंह विष्ट की पार्थिव देह अंतिम संस्कार के लिए लाई गई। मैं उनका सौतेला बेटा कहे या बेटा या भतीजा हूं।उस मां का बेटा हूं, जो 15 साल में ही विधवा हो गई। पति के साथ बमुश्किल 4 साल गुजार पाई, वो भी किस्तों में। साल 1968 में नारायण सिंह विमान हादसे के शिकार हो गए, लेकिन उनका शव नहीं मिला। 43 साल तक पति की राह देखते-देखते मां की आंखें पथरा गईं। 2011 में उन्होंने