बाजार..... "14 " किश्त छुपने वाले छुप कर घात कर देते हैं। तुम एक अच्छी शख्सियत रखते हो। रखो?कितना तुम उसके लिए कर सकते हो... उम्र भर के लिए... करो ? कोई अच्छे कर्म रब के सिवा कोई नहीं इस धरती पे जानता..... बेबसी सी तब तुझे सतायेगे ज़ब तुम्हे कोई सहारा देने के लिए भी नहीं मिलेगा... बाबू देव जी पैसे खत्म, खेल खत्म... खेल शुरू हुआ और खत्म।मेरी मानो, मत झिजोड़ो रुसवा गम। एक साल बाद.......... देव का सब कुछ खत्म हो चूका था। डिलीवरी केस मे कुमुदनी बच्चो समेत बचाते बचाते गुजर गयी थी। कितने ज़ख्म दें गयी थी...