देवदत्त का विरोधदेवदत्त के मुख पर गहरे विषाद और क्षोभ के भाव थे। वह शीघ्रता से चलकर यशोधरा के पिता के पास पहुँचा और उनसे बोला, "राजन! आपने तो यह प्रतिज्ञा की थी कि जो भी वीर पुरुष अस्त्र-शस्त्र के संचालन में प्रतियोगिता का मुख्य विजेता रहेगा, उसी के साथ राजकुमारी यशोधरा का विवाह होगा।" देवदत्त की बात सुनकर यशोधरा के पिता निरुत्तर हो गए। वास्तव में वे अपनी यह प्रतिज्ञा विस्मृत कर बैठे थे। अब उन्होंने तुरंत राजा शुद्धोधन से बात की और अस्त्र-शस्त्र की प्रतियोगिता आयोजित करने का अनुरोध किया। राजा शुद्धोधन ने अनुरोध स्वीकार कर