राधे ..... प्रेम की अंगुठी दास्तां - 3

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राधा तुरंत ही बिस्तर छोड़ कर नहाने चली गई।अपने आप से बातें करती __कितनी देर हो गई आज मुझे तो लाली से मिलने जाना था।हे भगवान लाली कहीं बाहर तो नहीं चली गई  होगी। आज उसे अपने मन की बात बता दुंगी  उसके अलावा है ही कौन जो मेरी बात को समझेगा।एक लाली ही तो है जिसने सबसे पहले जान लिया था कि __मेरे  अन्दर प्यार पनप रहा है ...... देव के लिए राधा भगवान को प्रणाम कर जैसे ही लाली के घर जाने को निकलती है  तो,  देखती है कि लाली खुद ही आ रही थी उससे मिलने।राधा दरवाजे पर ही