उजाले की ओर –संस्मरण

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प्रिय मित्रो स्नेहिल नमस्कार     आज एक बहुत सुंदर पुस्तक की समीक्षा आप सबके लिए प्रेषित कर रही हूँ।  आशा है, साहित्य से गंभीरता से जुड़े मित्रों को बहुत आनंद प्राप्त हो गा।   नकारती हूँ निर्वासन ============= नकारती हूँ निर्वासन   ===========                 प्रभा मुजुमदार  को जानना मेरे लिए नया  नहीं है, न ही नई  है उनके लेखन की गहराई की छुअन मेरे लिए ! बरसों पूर्व सौभाग्यवश जाने किसके माध्यम से हमारा परिचय हुआ और उन्होंने मेरे हाथ में अपना  प्रथम काव्य-संग्रह थमा दिया जिसके बारे में उसके लोकार्पण के दिन