चाय के किस्से - 1

मुन्ना की चाय"कहानी शुरू करने से पहले एक छोटी-सी गुज़ारिश — अगर ये कहानी आपको पसंद आए, तो मुझे फॉलो करना न भूलें, इसे लाइक करें, और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया ज़रूर दें। आपकी राय मेरे लिए बहुत खास है!"देवगढ़ एक छोटा-सा कस्बा था, ना ज़्यादा शहरी, ना पूरी तरह ग्रामीण। वहाँ की गलियाँ धूलभरी थीं। बच्चे नंगे पाँव दौड़ते, बूढ़े चौपाल पर बैठकर ताश खेलते और औरतें आंगन में एक-दूसरे को अपने दुःख-सुख सुनातीं। सबके पास समय था—सुनने का, मुस्कुराने का, और सबसे बढ़कर, जुड़ने का।उस दिन बारिश हो रही थी। हल्की, रुक-रुक कर गिरती बूँदें, जैसे किसी बूढ़ी दादी