18 साल की पलक एक ऐसी लड़की थी, जो अपनी परेशानियों से भरी ज़िंदगी को भी मुस्कान के साथ जी रही थी। उसे हमेशा यही लगता था कि उसकी मुश्किलें एक दिन खत्म हो जाएंगी, पर वक्त के साथ उसकी परेशानियाँ और बढ़ती चली गईं।पलक का जन्मदिन आने वाला था। उसने खुशी-खुशी अपनी माँ से कहा कि वह अपना जन्मदिन मनाना चाहती है। लेकिन उसकी माँ ने उसकी बात सुनकर हाँ कहने की बजाय उसे थप्पड़ मार दिए। पलक के माँ-बाप तो थे, लेकिन फिर भी वह अनाथों जैसी ज़िंदगी जी रही थी।उसकी माँ उसे बिना किसी कारण मारती-पीटती और