धनी और निर्धन का अंतरराजा शुद्धोधन राजकुमार के लिए वैभव-विलास के जितने साधन कुट रहे थे, उतने ही वे उससे विमुख होते जा रहे थे। एक दिन सिद्धार्थ का बालसखा बसंतक सिद्धार्थ में बोला, "राजकुमार आपके माता-पिता अपने कितना प्रेप और स्नेह करते है। उन्होंने आपके लिए संसार में लगभग सभी सुख उपलब्ध करा दिए हैं।""बसंतक" सिद्धार्थ बोले, "संगार के सभी माता-पिता अपनी संतान में प्रेम और स्नेह करते हैं। जिनके माता-पिता की जितनी सामध्ये होती है, वे अपनी मंडान को मुख-सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं, किंतु यहाँ पर एक गंभीर प्रश्न उठता है।""वह क्या?""संसार में सभी लोग एक समान क्यों