यह कहानी है एक युवक की, जिसका नाम था अरुण। अरुण एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखता था। अभी कुछ दिन पहले ही उसने अपना उन्नीसवां जन्मदिन मनाया था, लेकिन उसी समय उसकी ज़िन्दगी ने एक दर्दनाक मोड़ ले लिया। अरुण के पिता का अचानक निधन हो गया।अरुण की मां तो उसे बचपन में ही अलविदा कह चुकी थीं। अब अरुण इस दुनिया में अकेला रह गया था — उसका न कोई रिश्तेदार था, न कोई सहारा। वह बिलकुल अनाथ हो चुका था। उसके लिए यह समझना मुश्किल हो गया कि अब वह क्या करे और कैसे जिये।समझदारी और