फुसफुसाता कुआं

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एल्डरग्लेन के पुराने जंगलों के बीचोंबीच एक प्राचीन पत्थर का कुआँ था। गांव वाले हमेशा चेतावनी देते थे कि सूर्यास्त के बाद उस कुएं के पास मत जाना। कहा जाता था कि वो कुआँ फुसफुसाता है… और सुनता भी है।लीना, जो शहर की रहने वाली थी और गर्मियों में अपनी दादी के गाँव आई थी, इन बातों को मज़ाक समझती थी। जब गाँववालों ने उसे उस कुएं की कहानियाँ सुनाईं, तो वह हँस पड़ी, “फुसफुसाता कुआँ? अब कोई भूतिया नल भी होगा क्या?”लेकिन दिल के किसी कोने में जिज्ञासा जाग उठी।एक शाम, जब अंधेरा धीरे-धीरे जंगल पर छा रहा था,