परमात्मा की आज्ञा क्या होती है और किस तरह पहचानना?परमात्मा की आज्ञा क्या होती है?प्रस्तुत है Friend or Foe Book का Episode 04.मोहराजा को ह्रदय से निकालकर यदि धर्मराजा यानी अरिहंत प्रभु को ह्रदय के सिंहासन पर बिठा दे फिर भी परमात्मा की आज्ञा आखिर क्या कैसे पता चलेगा?जिज्ञासु आत्मा को सद्गुरु संक्षेप में परमात्मा की आज्ञा समझाते हैं. ‘अवर अनादिनी चाल नित-नित तजीएजी’ अर्थात् साधना किए बिना मन-वचन और काया की प्रवृत्ति सहजरूप से जो भी होती है, वह अनादि की चाल-चलन है. वह सब कुछ मोहराजा की फरमाइश, मोहराजा की आज्ञा का प्रताप है. उसका संपूर्ण बहिष्कार करो,