बाजार..... 11 वा धारावाहिक ---- स्पर्श जिंदगी मे ज़ब अचानक किसी से होता हैं, तो कभी कभी वो कितना सकून भरा समझौता होता हैं। समझने मे बेशक देरी ही लगे, पर कुछ कीमती पल समेटे हुए होता हैं पर - स्पर्श। कहने को देव एक कलाकार ही था। पर उसका दिल भी कलाकार ही था, किसी को चोट पहुंच जाए, ये वो हरगिज नहीं बर्दाश्त कर सकता था। नयी एक्टर्स को वो इतना गहरायी मे सब एक्टिंग के कुछ सुझाव दें चूका था। कि नयी कलाकार का प्यार देव से हो चूका था... पर देव इससे अनभिगे था। वो आपनी पत्नी के छूट