जैसा कि आपने पहले भाग में पढ़ा, हर्ष एक ऐसा किशोर था जो शारीरिक जिज्ञासा और मानसिक उलझनों में घिरता जा रहा था। उसके मन में उठती बेचैनी अब नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी। जब उसने अपने आस-पास के कुछ ऐसे इलाकों की जानकारी ली जहाँ इस प्रकार की गतिविधियाँ होती थीं, तो वह चौंक गया। क्योंकि ऐसा एक क्षेत्र तो उसके घर से सिर्फ़ एक किलोमीटर दूर ही था।हर्ष ने तय कर लिया था कि अब वह उस जगह पर जाएगा, लेकिन सही समय का इंतज़ार कर रहा था। उसने योजना बनाई कि जब उसके माता-पिता सुबह स्कूल