लघु कहानीखुशियों के पँख *********** कालबेल की आवाज सुनकर रिचा ने दरवाजा खोला तो सामने सीमा को देखकर चौंक बड़ी -अरे...आप... ! हां भाभी! मुझे माफ़ कर दीजिए। मेरी भूल माफी योग्य नहीं है। फिर भी मुझे पता है भैया भी मुझे माफ़ कर देंगे। मुझे तो कुछ कुछ समझ नहीं आ रहा है। भूल ... माफी.... भैया....। पहले अंदर चलिए। रिचा सीमा को लेकर अंदर गई। सीमा ने रिचा से कहा - भाभी! मैं सबसे पहले भैया से मिलना चाहती हूँ। जरुर मिलिए। मैं कब रोक रही हूँ, लेकिन वह अभी दवा खाकर सो