54 कोमल अश्विन ने माया को गौर से देखते हुए कहा, “तुम्हारे पास किस चीज़ की कमी है, माया सिंघल, जो तुम्हें मुझसे कुछ चाहिए l” माया उसके करीब आई और उसके कान के पास फुसफुसाते हुए बोली, “तुम्हारी” और फिर यह कहते हुए वह उसके और करीब आई और उसके होंठों को चूमते हुए बोली, “मुझे लगता है कि तुम्हारे पास वो सब है जो तुम मुझे दे सकते होंI” यह कहते ही उसके हाथ अश्विन की बेल्ट पर चले गए तो वह उसका ईशारा समझते हुए बोला, “माया मैं काम के वक्त यह सब नहीं करताI” माया