53 कोशिश अश्विन ने अब बात आगे बढ़ाते हुए कहा, “बताओ, कब मिला रही हो?” माया ने एक लम्बी आह भरी और कहा, “कल दस बजे मुझे मेरे अपार्टमेंट के बाहर से पिक कर लेना, तुम्हें तो पता ही होगा कि मैं कहाँ रहती हूँ।“ अश्विन ने मुँह बनाते हुए जवाब दिया, “हम्म! कर लूँगा” और यह कहकर उसने फ़ोन रख दिया और अश्विन ने अपनी गाड़ी की रफ़्तार तेज़ कर दी। अगली सुबह यश ने अनुज को बताया, “सर, वो चारों वापिस पंचमढ़ी पहुँच चुके हैं।“ “हाँ दिल्ली का काम जो खत्म हो गया।“ अनुज ने गुस्से