सिटकिनी

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“देखिए,” पति से रमा अपना शारीरिक कष्ट हमेशा बढ़ा -चढ़ा कर बताती, “आज मुझे हाथ में भयंकर चोट लग गयी। पूजाघर की सिटकिनी  पुरानी थी। खोलते समय टूट कर मेरे हाथ में आन गिरी । बत्ती उस समय गई हुई थी और उस के एक काबले ने..…..” “कल सुबह उठते ही सी.एम.ओ. को फ़ोन कर दूंगा,” अपनी शाम की ड्रिंक ले रहे पति ने रमा की बात पूरी न होने दी, “ड्राइवर अस्पताल की सब से काबिल लेडी डाक्टर को यहां लिवा लाएगा और वह सब देख- वेख लेगी। तुम जाओ और मेरे लिए मसाला पापड़ बना लाओ। इस समय