अकड़- भौं

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“पानी मैं निकालती हूं, ” आंगन में लगे हैंड- पंप  की हत्थी मैं ने मां के हाथ से ले ली। मां रसोई की बाल्टी धो रही थीं। शहर से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस औद्योगिक क्षेत्र में नगर महापालिका की जल- व्यवस्था अभी परिचालित नहीं हुई है तथा अपना सारा काम हम लोग इसी अकेले हैंडपंप से चलाते हैं। रसोई की, स्नानघर की, शौचालय की निर्धारित बालटियों में पानी भरते हैं और आवश्यकतानुसार उन्हें जहां- तहां लिवा ले जाते हैं। छत पर पानी के संग्रहन हेतु सीमेंट का एक बड़ा आधान है तथा रसोई, स्नानघर और शौचालय में