------- बाजार( 9)---- फोटो पर कलिक करता, " तुम बहुत सुंदर हो कुमुदनी.... " देव ने जैसे राहत की सास लीं। पहाड़ियों पर बर्फ पड़ी हुई, पेड़ लदे हुए हुए थे।रास्ते भी लदे हुए थे। घाटिया मे एक आवाज़ के मगर कितनी ही आवाजे जुड़ जाती थी। वो रेस्ट हॉउस मे थे... उम्र का एक पड़ाव ढल रहा था। " हमारे खुशखबरी नहीं हो सकती। " देव को जैसे उसने एक निराश्ता भरे लहजे से पूछा लिली ने। " कयो नहीं....