नारद भक्ति सूत्र - प्रस्तावना

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“यह ग्रंथ समर्पित है भारत के उन संतों को, जिन्होंने भक्ति की समझ देकर सामान्य जन को भी ईश्वर प्रेम का अनुभव कराया।”====================भक्ति मनन प्रश्न‘भक्ति करने से ईश्वर नहीं मिलता होता तो भी क्या आप भक्ति करते?’ यदि आपका जवाब ‘हाँ’ है तो आप भक्ति को समझ रहे हैं।भक्ति सूत्रभक्ति अपने आपमें परिपूर्ण है... भक्ति रास्ता भी है और मंज़िल भी।भक्ति सारज्ञान योगी भक्ति पर इस समझ के साथ मनन करें कि ज्ञान के अंत में भक्ति प्रकट होती है और भक्ति के अंत पर ज्ञान प्रकट होता है। कर्मयोगी कीर्तन को, जप को अपना तेजकर्म बनाएँ। ध्यान योगी भक्ति