बाजार - 8

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बाज़ार!!! 8 वा धारावाहिक असत्य मत बोलो, जो भी बोलो, मुँह पर कह दो। मत सोचो, जिंदगी एक चनोती हैं, मेहनत करो, खुद आपने लिए ईमानदार बनो, ये मेहरबान बन जाएगी। सोचना हैं तो किसी के लिए सोचो, तुम आपने लिए नहीं,  खुद का कठन कार्य भी सफल हो जायेगा। ज़िन्दगी हसते हसते गुज़ार दो... बस यही दो पल हैं।                                  गोल्ड़न के गजरे और हीरे की अंगूठी को पता नहीं कितनी दफा चूमा होगा उसने, वो घुंघट मे थी। देव ने एक गुलाब का