सपने का रहस्य?

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कई महीनों के बाद, मेरी मुलाकात जय से हुई। जब मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई। क्योंकि जय को देखे हुए बहुत समय हो गया था। उसे देखकर मेरा हृदय खुशी से भर गया। उसका अचानक आना और वह भी कई महीनों के बाद.......सुबह का समय था। करीब सात बजे होंगे, मैं बगीचे में बेठे तितलियों के साथ शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद ले रही थी। तभी अचानक कोई मेरे सामने आकर खड़ा हो गया। जब मैंने उसे देखा तो देखती ही रह गयी। वह कोई और नहीं बल्कि मेरा बचपन का दोस्त जय था। मेरा वो दोस्त