दीवार के पार

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दीवार के पार आज सुबह का अखबार देखते हुये आँखें  टिक गयी उस समाचार पर जिसने आन्या को हिला कर रख दिया । संदीप के नाम को पढ़ कर आन्या का विचलित होना स्वाभाविक था। समाचार क्या था घमाका था संदीप का नाम उन अपराधियों में शामिल था। जिन्होंने मिलकर अपनी किसी महिला सहकर्मी का न केवल अनेकों बार शारीरिक शोषण किया अपितु जिसमें नाम सार्वजनिक करने की घमकी देना जैसी बातें शामिल थीं। नाम पता वही था शहर भी वही था। आन्या कुछ घंटों  तक सोचती रही 'क्या यह वही संदीप है जिसके साथ मित्रता करके वह गौरव महसूस