लालच का ही दूसरा रूप इंसान है

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किसी ने बहुत सही कहा है कि लालच इंसान का दूसरा नाम है। अगर हम अपने आसपास की दुनिया को ध्यान से देखें, तो पाएंगे कि हर इंसान किसी न किसी चीज़ के लिए लालायित है। यह लालच कभी दौलत का होता है, कभी शोहरत का, कभी प्यार का और कभी सम्मान का। एक बच्चा खिलौनों के लिए लालच करता है, एक युवा सफलता के लिए, एक बुजुर्ग सम्मान और प्रेम के लिए। हर उम्र, हर मोड़ पर यह भाव किसी न किसी रूप में हमारे जीवन में उपस्थित रहता है।लालच एक ऐसी अग्नि है जो भीतर ही भीतर धधकती