जैसे ही मिन ने शाओबो के पापा की तरफ गुस्से में बंदूक उठाई, उस पल में बस बदले की आग जल रही थी। लेकिन उसी वक्त, शाओबो के पापा ने भी बंदूक निकाल ली और दोनों तरफ से गोली चल गई।मिन की गोली ने सीधा निशाना साधा, लेकिन अचानक एक और गोली की आवाज़ आई — और वो सीधा शाओबो को जा लगी।वो पल जैसे थम गया। शाओबो की चीख नहीं, बस उसकी देह लहूलुहान होती ज़मीन पर गिर गई।"शाओबो!" मिन चीख पड़ा।मिन के हाथ काँप रहे थे। आँखों में डर, पछतावा और ग़ुस्सा — सब एक साथ उमड़ आए