मेरे प्रिय

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बिस्मिल्लाह ख़ान: मेरे प्रिय!उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान भारतीय शास्त्रीय संगीत के अप्रतिम साधक थे, जिन्होंने शहनाई जैसे पारंपरिक वाद्ययंत्र को केवल लोक-संगीत तक सीमित न रखकर उसे भारतीय संगीत की प्रमुख विधाओं में प्रतिष्ठित किया। वे उन दुर्लभ संगीतज्ञों में से थे, जिनका योगदान भारतीय संस्कृति, संगीत और राष्ट्रीय एकता में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। उनका जीवन केवल एक कलाकार का नहीं, बल्कि संगीत को आत्मा मानने वाले एक संत का था।उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ान का जन्म २१ मार्च १९१६ को बिहार के डुमरांव नामक स्थान पर हुआ था। उनका वास्तविक नाम क़मरुद्दीन था, परंतु उनके परिवार ने उन्हें प्रेम से 'बिस्मिल्लाह' नाम