मेरा रक्षक - भाग 14

रणविजय कमरे से बाहर निकला ही था कि सामने जॉन उसे बेसब्री से इंतज़ार करता दिखा। उसकी आँखों में अजीब-सी बेचैनी थी।"क्या हुआ, जॉन? क्या ज़रूरी बात है?" रणविजय ने सीधा सवाल किया।जॉन कुछ पल खामोश रहा, मानो शब्द उसके गले में ही अटक गए हों।रणविजय की आवाज़ थोड़ी सख्त हो गई, "मैं पूछ रहा हूँ जॉन, क्या हुआ?"जॉन ने धीरे से कहा,  "Boss... वो वापस आ गया है।"ये तीन शब्द सुनते ही रणविजय का चेहरा सफेद पड़ गया। उसे कुछ और कहने की ज़रूरत नहीं थी। वो समझ गया था किसकी बात हो रही है।उसके दिमाग़ में पुराना अतीत,