बाजार - 6

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 (बाजार )--- (6) कीमतें चढ़ती उतरती रहती हैं, मिया जो जोहरी होता हैं न, वो असली हीरे की परख करके उसे खरीद लेता हैं, चाये वो जज्बातो से या भावक होकर, या गिर कर... समझ लो गिनती उसकी हीरे की खरीद के बाद की होती हैं, ये मुकट पे सजे या पहलू मे, या सजावट मे, या तेजोरी का श्रृंगार... तुम कया समझ रहे हो कला को, कि कोई बोल गया, एक कलाकार किस दबाब मे बोला ये जरुरी नहीं हैं, ये जरुरी हैं कि वो बोला कया हैं...मसलन ये भी नहीं होता हैं , नाम और शोरहत ज़ब वक़्त