तक्ष ने चली अपनी चाल............. now on ..........आदित्य अदिति को लाकेट पहनाता है उसके थोड़े देर बाद ही अदिति बेहोश हो जाती है.....अदिति के बेहोश होते ही आदित्य बाहर आते आते बड़बड़ाता है...." अब तू कभी मेरे वशीकरण से दूर नहीं हो पाएगी......(इतना कहकर वो हंसने लगता है).....आदित्य को कमरे से बाहर आते देख विवेक हैरानी से पुछता है..." भाई क्या हुआ ..."आदित्य : कुछ नहीं विवेक वो मैंने उसे दवा दी है इसलिए अभी वो सो गई है.... वैसे हुआ क्या था यहां....? अदिति इतनी परेशान क्यूं लग रही थी...?विवेक : पता नहीं भैय्या (अपनी किस की बात को