एक तरफ जहाँ राधिका अपनी चाल को कामयाब बनाने के लिए हर एक तरह का षड्यंत्र रच रही थी, वहाँ उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी। हर बार की तरह इस बार भी वह पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी थी। उसकी चालें शतरंज के माहिर खिलाड़ी की तरह थीं—सटीक, खतरनाक और शांत। उसके चेहरे पर आत्मविश्वास की लकीरें साफ़ दिख रही थीं। उसके इरादे में कोई डगमगाहट नहीं थी। उसके लिए आर्यन और अवंतिका को मिटाना अब ज़रूरी नहीं, बल्कि ज़िन्दगी की सबसे अहम जंग बन चुका था।और दूसरी तरफ, जेल में बैठा नामांश मुस्कुरा रहा था।उसकी मुस्कान