भाग 7: जनता का ऐसा हीरो, जो दिलों पर करता था राज़!जौहरी की दुकान की उस झमेलेदार घटना के बाद टिमडेबिट ऐसे ग़ायब हो गया, जैसे गधे के सिर से सींग। वह जानता था कि पुलिस उसे ऐसे ढूंढ रही होगी, जैसे भूखी कुतिया हड्डी ढूंढती है। लेकिन नैना के उस धोखे ने उसे अंदर से ऐसे हिलाकर रख दिया था, जैसे भूकंप आ गया हो। अब उसमें वह डरपोक चोर नहीं रहा था, बल्कि उसके मन में एक ऐसा गुस्सा था, जैसे ज्वालामुखी फूटने को तैयार हो, लेकिन उससे भी ज़्यादा एक ऐसी इच्छा थी, जैसे किसी प्यासे को