इश्क और इरादे - 5

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कॉलेज का ऑडिटोरियम हल्की-सी चहलकदमी और हलके संगीत से गूंज रहा था। दीवारों पर चिपके पोस्टर और रंगीन लाइट्स एक उत्सव-सा माहौल रच रहे थे। आज इंटर-कॉलेज पोएट्री कॉम्पिटिशन था—वो मंच जहाँ शब्दों से जज़्बातों का खेल खेला जाना था।शिवम ग्रीन रूम में बैठा था, हाथ में अपनी डायरी पकड़े हुए। पन्नों पर कई बार पढ़ी गई पंक्तियाँ अब भी उसे अधूरी लग रही थीं। पसीने से भीगते हाथ, दिल की धड़कनों की रफ़्तार, और बाहर से आती तालियों की गूंज—सब उसे उसकी पहली बार का एहसास दिला रहे थे।"शिवम!" प्राची ग्रीन रूम में दाखिल हुई, हाथ में एक पानी