नव चेतना के साहित्य एस शंखन नरेंद्र कोहली

नव चेतना के साहित्य शंखनाद नरेंद्र कोहली --किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में परिस्थितियों परिवेश का महत्वपूर्ण योगदान होता है यह सत्यार्थ नरेंद्र कोहली जी पर बिल्कुल सत्य है कोहली जी का जन्म 6 जनवरी ऊँन्नीस सौ चालीस को स्याल कोट जो अब पाकिस्तान में है हुआ था यह वह दौर था जब गुलामी की वेदना से छटपटाती माँ भारती के योद्धा स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हर स्तर पर जूझ रहे थे।।तो देश मे धर्म के आधार पर सामाजिक विभाजन की पृष्ट भूमि तैयार हो रही थी जो आजादी के बाद द्विराष्ट्रवाद के परिणाम में परिवर्तित हुई और