नामांश जेल के अंदर बैठा था। उसकी आँखों में गुस्सा और बदले की आग साफ झलक रही थी।नामांश अपने एक खास आदमी, विक्रम, से फोन पर बात कर रहा था, "आर्यन ने मुझे जेल में डालकर बहुत बड़ी गलती की है। अब उसकी बर्बादी शुरू होगी।"विक्रम गंभीर स्वर में बोल रहा है, "बॉस, आपको बस हुक्म देना है। क्या करना है?"नामांश मुस्कुराते हुए बोल रहा है, "आर्यन की कंपनी की सबसे अहम फाइल्स चोरी करनी हैं। उन फाइलों में उसकी सारे प्रोजेक्ट्स की डिटेल्स हैं। अगर वो मेरे हाथ लग गईं, तो उसका पूरा बिजनेस खत्म हो जाएगा।"विक्रम सिर हिलाते