44 इंतज़ार अब अनुज की नज़र लाश पर गई तो उसने देखा कि इसकी भी गर्दन पेन से काटी गई थी और ज़ाहिर सी बात है, इसका मर्डर भी उसकी जगह हुआ था, जहाँ कोई कैमरा न होl अब उसने यश की तरफ देखा जो काफ़ी परेशां लग रहा है, ” क्या हुआ?” अनुज ने पूछाl “सर यह वहीं आदमी हैl” “कौन आदमी ?” इससे पहले यश कुछ बोलता विवेक बोल पड़ा, “सर राठी का आदमी जिसने हमारी मदद की थीl” “क्या!!!” अनुज के मुँह से यह निकला और वह उतनी ही हैरानी से दोबारा उस आदमी को देखने