जून का महीना।बंबई की दोपहर, मतलब जैसे सूरज ने खुद मरीन ड्राइव से एलान कर दिया हो – "आज कोई AC के बिना बचा तो समझो उसने तपस्या पूरी कर ली!"गली के कुत्ते पक्के मुंबईकर – पर इस गर्मी में वो भी छांव में बैठकर खुद को मिरर सेल्फी में देख रहे थे –“क्यों यार, इतना क्यों तप रहे हैं?”और कौवे? अब वो खिड़की से झाँकते नहीं, सीधे किचन की खिड़की से पूछते – "कुछ बर्फ भेजोगी क्या, या तुम्हारे फ्रीज में भी पॉलिटिक्स है?"लेकिन उसका घर? वो अंधेरी ईस्ट का थ्री रूम किचन फ्लॅट— जहाँ गर्मी को भी अपना