अधूरी उड़ान

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**अधूरी उड़ान**   *   राजू एक छोटे से गाँव का लड़का था, जहाँ ना तो ढंग का स्कूल था और ना ही बिजली-पानी की पूरी सुविधा। उसका घर मिट्टी और खपरैल से बना हुआ था, जिसमें बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता था। उसके पिता खेतों में मजदूरी करते थे और माँ पास के शहर में झाड़ू-पोंछा लगाने जाती थीं। घर की माली हालत इतनी खराब थी कि कई बार एक वक़्त का खाना भी मुश्किल से नसीब होता था।   लेकिन इन मुश्किलों के बीच राजू के सपने बहुत बड़े थे। वह पढ़-लिखकर इंजीनियर बनना चाहता था।