कहानी या सच ? - भाग 3

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(इस भाग को पढने से पहले आप सभी पाठकों से निवेदन है कि वे पहले दोनों भाग पढ़ ले ताकि इससे आपको यह उपन्यास ठीक से समझ आ सके। )"खून का सिलसिला"****जली हुई सच्चाई**छत के एसी की ठंडी हवा भी इंस्पेक्टर सुखी के पसीने को रोक नहीं पा रही थी। प्रीत की जली हुई लाश के सामने खड़े उसके हाथ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट काँप रही थी।"पानी में डूबी कार... पर शरीर जला हुआ?"उसकी नजर कार के टूटे शीशे पर अटक गई। एक धुँधला सा प्रतिबिंब... जैसे कोई उन्हें देख रहा हो। तभी उसके फोन ने खामोशी तोड़ी -**अनजान नंबर:** "प्रीत