घर के बड़े– हर्षवर्धन, रागिनी, वर्मा परिवार और कपूर परिवार – ड्रॉइंग रूम में एकत्रित थे। आपस में बाते करते हुए सभी के चेहरों पर मुस्कान झलक रही थी, और उनकी हँसी-ठिठोली से पूरा घर गूंज उठा था। बड़ों की ही तरह उनके बच्चे भी अपने ही अंदाज़ में मस्ती कर रहे थे। उनके साथ जय, बहन के साथ था, और श्रेया, राखी भी वहां मौजूद थीं। वे सभी सेहगल हाउस के बगीचे में बैठे हुए थे।काव्या आराम से लेटी हुई थी, ताकि उसकी पीठ की तकलीफ़ न बढ़े। उसके पास ही आकाश बैठा था, जिसकी गोद में काव्या ने अपना