पुर्णिमा - भाग 1

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मां _मां_ ओ __मां !!देखो मेरा रिजल्ट पुरे 95 पर्सेंट मिले से मुझे।मां मैं बहुत खुश हूं आज कहते हुए झुमने लगी पुर्णिमा ।उसकी बातों में खनक और आंखों मे चमक थी।आज वो सच में पुर्णिमा के चांद की तरह चमक रही थीं।चंचल, चुलबुली सी वो। हमेशा खिलखिलाती रहती थी।बड़ी बड़ी सागर जैसी आंखें,बुरे लम्बे कमर तक लटकते बाल,गोरा रंग, सुडोल बदन उसके नाम को सार्थक करता था।अभी अभी तो योवन की दहलीज़ पर कदम रखा ही था कि उसकी सुन्दरता में मानो चार चांद और लग गए हो।पर उसे कहा पता था कि __उसकी सुन्दरता उसका पढ़ाई करने का